प्रभात न्यूज़ 24:
शराब दुकान खोलने के विरोध में जनपद सदस्य अंजू पटेल सहित महिला कमांडो दल ने थाने में दिया आवेदन, अवैध शराब पर कठोर कार्रवाई की मांग तेज
बलौदा बाजार,
ग्राम पंचायत हथबंध एवं आसपास के ग्रामीण अंचलों में शासकीय देशी–विदेशी मदिरा दुकान खोलने की तैयारी के विरोध में जनआक्रोश तेज हो गया है। लगभग दस वर्ष पूर्व शासन द्वारा बंद की गई शराब दुकान को दोबारा शुरू करने की प्रशासनिक कवायद लंबे समय से जारी है, जिसके लिए ग्राम हथबंध, नेवादा, प्यारी और उड़ेला की संयुक्त भूमि सीमा क्षेत्र में दुकान हेतु स्थल चयन व भवन निर्माण प्रारंभ किया गया था। किंतु तीव्र विरोध के कारण यह प्रक्रिया रोक दी गई थी। अब पुनः इस दुकान को खोलने की कोशिशों के विरोध में गांव के जनप्रतिनिधि और महिला कमांडो खुलकर सामने आए हैं।
जनपद सदस्य ने सौंपा आवेदन, शराब दुकान पर पूरी तरह रोक की मांग
हथबंध जनपद परिक्षेत्र की जनपद सदस्य अंजू पटेल के नेतृत्व में महिला कमांडो दल ने पुलिस थाना हथबंध पहुंचकर लिखित आवेदन सौंपा। आवेदन में स्पष्ट मांग की गई है कि—
“ग्राम पंचायत हथबंध और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में किसी भी परिस्थिति में देशी अथवा विदेशी मदिरा दुकान को संचालित न किया जाए।”
उन्होंने कहा कि शराब दुकान शुरू होने से क्षेत्र में सामाजिक समस्याएं बढ़ेंगी, विशेषकर महिलाओं, बच्चों और युवाओं पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
अवैध शराब की बढ़ती समस्या पर चिंता, त्वरित कार्रवाई की मांग
आवेदन में यह भी उल्लेख किया गया कि बीते कुछ वर्षों में ग्रामीण अंचलों में कोचियों द्वारा अवैध शराब की बिक्री तेजी से बढ़ी है।
हथबंध, उड़ेला, मोहभट्ठा, डोंगरिया, रिंगनी, धोधा और खिलोरा समेत कई गांवों में अवैध शराब के कारोबार की शिकायतें लगातार मिल रही हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि यह व्यापार न सिर्फ सामाजिक वातावरण को खराब कर रहा है बल्कि युवाओं को नशे की ओर धकेल रहा है।
शराब की अवैध बिक्री पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस थाना हथबंध द्वारा पहले से ही कुछ ग्रामों—सीतापार, मनोहरा, बोरासी, मझगांव, सिनोसिनोधा—में महिला कमांडो दल का गठन किया गया है, जो लगातार निगरानी कर रही हैं।
महिला कमांडो दल पर अभद्रता के आरोप, कड़ी कार्रवाई की मांग
जनपद सदस्य अंजू पटेल ने बताया कि महिला कमांडो अवैध शराब की बिक्री और सेवन पर रोक लगाने के लिए सक्रिय रूप से गांवों में काम कर रही हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि कुछ अवैध शराब विक्रेताओं द्वारा महिला कमांडो सदस्यों से अभद्र व्यवहार एवं धमकाने जैसी घटनाएँ भी सामने आई हैं।
इसलिए ऐसे तत्वों पर सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग की गई है, ताकि महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके और गांव का वातावरण स्वस्थ, सुरक्षित और नशामुक्त बनाया जा सके।
ग्रामीणों की एकजुटता, शराब दुकान न खोलने का साझा संकल्प
ग्राम हथबंध और आसपास के गांवों में लोगों का स्पष्ट मत है कि शराब दुकान खुलने से सामाजिक तानेबाने पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। ग्रामीणों का कहना है कि—
“हम अपने गांव को नशामुक्त रखना चाहते हैं, इसलिए किसी भी कीमत पर शराब दुकान नहीं खुलने देंगे।”
गांव की महिलाएँ, युवतियाँ, वरिष्ठ नागरिक तथा सामाजिक संगठनों के लोग भी इस विरोध में शामिल हो रहे हैं। आने वाले दिनों में ग्रामीण स्तर पर आंदोलन को और मजबूत किए जाने की संभावना है।























